लहसुन के औषधीय गुण |Health Benefits of Garlic

लहसुन के औषधीय गुण :-

लहसुन अनेक औषधीय गुणों की खान हैं। लहसुन का सेवन बारह महीने ही अच्छा माना जाता है, लहसुन के एक काली प्रतिदिन खाने से शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं। इस से आप कई भयंकर बीमारियो से बचे रहेंगे। आज जानें लहसुन के कुछ ऐसे ही गुणों के बारे में…..

कॉलेस्ट्रोल :-
कोलेस्ट्रॉल की समस्या से परेशान लोगों के लिए लहसुन का नियमित सेवन अमृत साबित हो सकता है। लहसुन में एंटीक्लोटिंग गुण होता है जो खून को पतला करने में सहायक होता है और शरीर में खून के थक्के बनने से लोकतंत्र होता है। इससे चोट लगने के बाद खून का डर भी नहीं रहता।

हृदय – स्ट्रोक और एथ्रेरोस्लेरोसिस :-
लहसुन हमारे दिल को सुरक्षित रखने में मदद करता है और हार्ट-अटैक और एथ्रेरोस्लेरोसिस से जुड़ी समस्याओं से जुड़ा है। इसमें दिल को सुरक्षित रखने वाला तत्व होता है।

इसके सेवन से दिल को आसानी से स्वस्थ बनाया जा सकता है। उम्र के साथ, धमनियां सरलता से करने की क्षमता खो देती है। लहसुन, इसे कम कर देता है और दिल को ऑक्सीजन रेडिकल्स के प्रभाव से जोड़ता है ताकि दिल को कोई नुकसान न हो।

इसके सब्सट्रेट युक्त सब्सट्रेट हमारी रक्त वाहिकाओं को अरूध्द होने से जोड़कर देखा जाता है, जिससे एथ्रेरोस्लेरोसिस की समस्या समाप्त हो जाती है। लहसुन की एंटी ब्लड क्लॉटिंग गुण, रक्त वाहिकाओं में के थक्के बनाने से रोकती है।

हाई-बीपी से बचाये :-
कई लोगों का मानना है कि लहसुन खाने से हाइपरटेंशन के निशानों से आराम मिलता है। यह केवल ब्लड सर्कुलेशन को नियमित रूप से नहीं करता है, बल्कि दिल से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है। साथ ही, प्रतिमाह और मूत्राशय को भी बंधक रूप से काम करने में सहायक होता है।

डायरिया दूर करे :-
पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे डायरिया आदि के उपचार में भी लहसुन रामबाण का काम होता है। कुछ लोग तो ये भी दावा करते हैं कि लहसुन नर्वस से रिलेटेड एलेक्शंस को दूर करना बहुत होता है, लेकिन केवल जब इसे खाली पेट खाया जाए।

डिटॉक्स वैकल्पिक वैकल्पिक उपचार :-
जब डिटॉक्स एंजाइम की बात आती है तो वैकल्पिक उपचार के रूप में लहसुन बहुत प्रभावशाली होता है। लहसुन को शरीर के टुकड़ों और कीड़ों से बनाया जाता है। मधुमेह, टफ्स, अवसाद और कुछ प्रकार के कैंसर की रोकथाम में भी यह सहायक होता है।

श्वसन तंत्र को मजबूत बनाना :-
लहसुनिया श्वसन तंत्र के लिए बहुत उपयोगी है। यह मधुमेह, निमोनिया, ज़ुकाम, ब्रोंकाइटिस, पुराना मोटापा, फेफड़े में जमाव और कफ आदि की रोकथाम और उपचार में बहुत कमी होती है।

ट्यूबरकुलोसिस टी.बी. में :-
ट्यूबरकुलोसिस (टेपेडिक) में लहसुन पर आधारित इस उपचार को अपनाएं। एक दिन में लहसुन की एक पूरी पेटी। टी.बी. में यह उपाय बहुत प्रभावशाली साबित होता है, अगर आपको लहसुन की गंध पसंद नहीं है तो मुंह से बदबू आती है। मगर लहसुन खाना भी जरूरी है तो आप लहसुन को छीलकर या पीसकर दही में पूरे खा लें तो आपके मुंह से बदबू नहीं आएगी।

लहसुन खाने के बाद इसके सैटेलाइट से बचना है तो जरा सा गुड़ और सूखा धनिया लंबे मुंह में खिलौने कुछ देर तक, बिल्कुल निकला हुआ।

खून की कमी :-
शरीर में खून की कमी होती है, लहसुन का सेवन जरूर करना चाहिए, इसमें पर्याप्त मात्रा में लौह तत्व होता है जो रक्त निर्माण में सहायक होता है। लहसुन में विटामिन सी से यह स्कर्वी रोग होने से भी सीखा जाता है।

वजन कम करने में :-
लहसुन के नियमित सेवन से वजन कम हो सकता है, क्योंकि इसमें हमारे शरीर में बनने वाले मसाले को संतुलित करने की क्षमता होती है जिससे वजन आसानी से कम हो जाता है। कच्ची लहसुन का लाल मिर्च के साथ चटनी नियमित रूप से खाने पर वजन नियंत्रित किया जाता है।

एंटी – इन्फ्लैमेटरी :-
लहसुन में एंटी – इन्फ्लैमेटरी संपत्ति होती है। इस मदद से एलर्जी को दूर किया जा सकता है। इसलिए अगर आपको किसी तरह की एलर्जी है तो रोज़ाना लहसुन की एक कली को पानी से लें और अपने खाने में लहसुन को शामिल करें।

कफ और सर्दी :-
ठंड या ठंडे मौसम में अक्सर किसी भी उम्र के लोगों को कफ और सर्द मौसम की परेशानी होती है तो लहसुन का सेवन करें।

कैंसर :-
कैंसर के प्रति शरीर की संरचना क्षमता में वृद्धि होती है। लहसुन में कैंसर निरोधी तत्व होते हैं। यह शरीर में कैंसर बढ़ने से शुरू होता है। लहसुन के सेवन से ट्यूमर को 50 से 70 फीसदी तक कम किया जा सकता है

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