घरेलू नुस्खे, उपाय, उपचार व तरीके। Home Remedies in Hindi

घरेलू उपाय सामान्यत: घर में मौजूद सामग्री और प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करके स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का समाधान करने के लिए किए जाने वाले उपायों को कहा जाता है। ये उपाय आमतौर पर सामाजिक परंपरा और आयुर्वेदिक तरीकों पर आधारित होते हैं। यह उपाय आमतौर पर सामान्य बीमारियों, छोटी मोटी समस्याओं को दूर करने के लिए अपनाए जाते हैं।

यहां कुछ सामान्य घरेलू उपायों की कुछ उदाहरण हैं जिनका लाभ लेकर बहुत सी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।

1.दूर करें होठों का कालापन


थोड़ी-सी दूध की मलाई में चुटकी भर हल्दी मिलाकर इसे होठों पर लगाकर 2-3 मिनट तक मालिश करें। पंद्रह मिनट बाद इसे गीली रुई से साफ़ कर लें। इस उपाय से कुछ ही दिन में होठों का कालापन दूर हो जाता है।


2.अल्सर की रामबाण औषधि ” एलोवेरा जूस”


एलोवेरा पेट के घावों तथा सूजन को ख़त्म करने में बहुत सहायक है। प्रतिदिन खाली पेट 10-20 ml एलोवेरा जूस का सेवन करने से अल्सर रोग में आशातीत लाभ होता है ।

  1. वायरल फीवर में प्रभावी है तुलसी
    प्राकृतिक उपचार में वायरल बुखार के लिए सबसे प्रभावशाली औषधि है तुलसी । एक लीटर पानी में २०-२५ तुलसी के पत्ते तथा ३-४ लौंग कूटकर उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए तब इसे छानकर रख लें । इस काढ़े का सेवन हर आधे घंटे में करने से वायरल बुखार में आराम होता है।
  2. टाँगों में दर्द
    गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर घुटने तक दोनों टाँग डुबोकर 15-20 मिनट तक बैठें। सेंधा नमक में पाए जाने वाले तत्व मांसपेशियों को प्राकृतिक रूप से आराम पहुँचाते हैं तथा दर्द व सूजन ठीक करते हैं।
  3. पेट में गैस होने पर
    छाछ में काला नमक, भुनी हुई अजवायन तथा पुदीना की तीन- चार पत्तियाँ मिलाकर पीने से गैस की समस्या में काफी लाभ मिलता है।
  4. माइग्रेन
    सूखा धनिया, सौंफ (मोटी) तथा मिश्री बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें तथा दिन में तीन बार आधा-आधा चम्मच की मात्रा में सादे पानी से लें। इस प्रयोग को प्रतिदिन करने से माइग्रेन में बहुत आराम मिलता है।
  5. एंटीऑक्सिडेंट्स से परिपूर्ण हैं अनानास
    अनानास में विटामिन C तथा एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं अतः इसके सेवन से हमारी त्वचा सुंदर तथा चमकदार बनती है। यह चेहरे के दाग धब्बों तथा झुर्रियों को भी दूर करता है।
  6. माँसपेशियों हेतु आवश्यक है पानी पीना
    हमारे शरीर में एक बड़ी मात्रा पानी की होती है तथा पर्याप्त पानी पीने से यह मात्रा संतुलित रहने के साथ ही तापमान भी नियंत्रित रहता है । माँसपेशियों के स्वास्थ्य हेतु भी पानी अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इससे इनकी क्रियाशीलता बनी रहती है।
  7. खाँसी दूर करने का उपाय
    पाँच तुलसी के पत्ते तथा एक छोटा टुकड़ा अदरक लेकर इनका रस निकाल लें। इस रस को हल्का गुनगुना करके एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम चाटने से खाँसी में बहुत आराम मिलता है।
    10.हाथ जलने पर प्याज़ का उपयोग
    अचानक हाथ जल जाने पर बहुत तेज जलन होने की स्थिति में प्याज को आधा काटकर जलन वाले स्थान पर लगाएँ । जलन कम होगी तथा छाला भी नहीं पड़ेगा ।
  • अमरुद की 4-5 पत्तियों को पानी में उबालकर पीस लें | इसमें थोड़ी सी हल्दी मिला लें | इस T लेप को फोड़े-फुन्सियों पर लगाएँ | यह प्रयोग दिन में दो बार करें, लाभ होगा |
    11.नाशपाती के औषधीय गुण
    नाशपाती का सेवन करने से फेफड़ों (Lungs) तथा पाचनतंत्र से संबंधित रोगों में बहुत लाभ होता है अतः नाशपाती के मौसम में प्रतिदिन इसका सेवन अवश्य करना चाहिए |
    12.अम्लपित्त (Acidity) में उपयोगी प्रयोग
    एक भाग सूखा धनिया व दो भाग मिश्री लेकर दोनों को मिलाकर बारीक़ पीस लें और एक शीशी में भर कर रख लें | अम्लपित्त की समस्या होने पर दिन में दो से तीन बार लें, लाभ होगा | इस प्रयोग से पेशाब भी खुलकर आता है।
    13.गले का दर्द
    एक कप गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक तथा एक चौथाई चम्मच हल्दी चूर्ण डालकर मिला लें। इस पानी से सुबह शाम गरारे करें तथा इसके आधे घंटे बाद तक कुछ भी न खाएं। नमक तथा हल्दी दोनों ही जीवाणुरोधी हैं अतः गले के दर्द हेतु उत्तम औषधि हैं।
    14.मुँह के रोगों में करें पुदीने का प्रयोग
    मुँह के रोगों में पुदीने की पत्तियाँ औषधि तुल्य हैं। प्रतिदिन पुदीने की पाँच-पाँच पत्तियाँ सुबह-शाम चबाने से पायरिया, मसूड़ों की सूजन व खून आना तथा दाँतों के रोग दूर होते हैं।
    15.सिरदर्द में उपयोगी है एलोवेरा जैल
    एलोवेरा जैल में थोड़ी-सी हल्दी मिलाकर सिर पर इसका लेप लगाएँ।ऐसा करने से सिरदर्द में राहत मिलती है तथा ठंडक का एहसास भी होता है।
    16.बरसात में अवश्य करें गुलाबजल का प्रयोग
    इस मौसम में वातावरण में नमी अधिक रहने के कारण त्वचा के रोम छिद्र (पोर्स) ब्लॉक हो जाते हैं, जिससे मुहांसे हो सकते हैं | इससे बचने के लिए प्रतिदिन गुलाब जल का प्रयोग टोनर के रूप में करना चाहिए |
    17.” मेथी दाना ” मधुमेह में उपयोगी औषधि
    मेथी दाने का प्रयोग मधुमेह के रोगी के रक्त में शर्करा के स्तर को कम करता है तथा इसके प्रयोग से मधुमेह के कारण होने वाले मोतियाबिन्द से भी बचाव होता है | एक चम्मच मेथी दाना आधा कप पानी में रात को भिगो दें, प्रातः खाली पेट इस पानी को पी लें और मेथी दाना चबा-चबा कर खा लें

18.पनीर का सेवन है अत्यंत लाभप्रद


पनीर कैल्शियम, प्रोटीन तथा आयरन आदि का अच्छा स्रोत है | इसके सेवन से दाँत तथा हड्डियाँ व मांसपेशियाँ मज़बूत होती हैं और जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है | पनीर में मौजूद खनिज शरीर की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।


19.मसालों की रानी इलायची

  • इलायची में मौजूद तेल रोगाणु विरोधी होने के साथ ही दर्द भी ठीक करता है ।
  • यह भूख बढ़ाने के साथ ही हमारे पाचन तंत्र को भीसुदृढ़ करती है ।
  • इलायची का सेवन करने से सीने में जलन तथा गैस्ट्रिक समस्याएँ दूर होती हैं ।
  • 20.ऑयली स्किन
    साफ़ करने के लिए नींबू के रस में बराबर मात्रा में पानी मिलाकर रुई के फाहे से त्वचा को साफ़ करें, चिपचिपापन दूर हो जाएगा |
    21.बरसात में भी पिएँ खूब पानी
    बरसात के मौसम में प्यास कम लगती है अतः शरीर में पानी की कमी हो सकती हैं तथा शरीर में कमज़ोरी आ सकती हैं। पानी शरीर को पोषण देता है इसलिए प्रतिदिन 8-10 गिलास पानी अवश्य पिएँ। गंदा पानी पीने से बचें क्योंकि इससे पीलिया अथवा टायफॉइड आदि समस्याएँ हो सकती हैं।
    22.अधिक गर्मी में करें साधारण भोजन
    अधिक गर्मी में हल्का व सुपाच्य भोजन लेना चाहिए | दही, छाछ, लौकी, करेला, भिंडी, खीरा, तरबूज, खरबूजा आदि का सेवन करें तथा पानी भी पर्याप्त मात्रा में पिएँ ।
    23.पौष्टिक लोबिया
  • लोबिया पोषक तत्वों से भरपूर होता है | यह प्रोटीन के साथ ही पोटैशियम का भी अच्छा स्रोत है तथा इसमें कॉपर व मैग्नीशियम के साथ ही फाइबर की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है ।
  • यह पाचन क्रिया को बेहतर करने के साथ ही बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है ।
  • लोबिया में मौजूद काले रंग का भाग एंटीओक्सीडेंट्स का कार्य करता है तथा हमें कैंसर जैसे भयानक रोग से बचाता है।
    24.माइग्रेन पिएँ अंगूर का रस
    अंगूर में ग्लूकोस , मैग्नीशियम तथा साईट्रिक एसिड जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं | माइग्रेन के रोग में अंगूर के रस के नियमित सेवन से बहुत लाभ होता है ।
    25.लीवर के रोग दूर करे ” कच्चा पपीता
    कच्चे पपीते में मौजूद विटामिन्स, एन्जाइम्स तथा न्यूट्रिएंट्स लीवर के रोग दूर करते हैं। इसके सेवन से पीलिया के रोगियों को विशेष लाभ होता है | अतः कच्चा पपीता सब्जी अथवा सलाद के रूप में अवश्य सेवन करें |

26.मुँह के छाले
मुँह में छाले होने पर गोले का टुकड़ा तथा एक चम्मच चिरौंजी मुँह में डालकर चूसते हुए धीरे- धीरे चबाने से लाभ होता है, इससे छालों की अकड़ाहट दूर हो जाती है।
27.फोड़े फूंसियो हेतु उपचार
थोड़ी-सी अजवायन लेकर इसे गर्म पानी में पीस कर लेप बना लें | यह लेप प्रभावित स्थान पर दिन में तीन बार लगाने से लाभ होता है ।
28.गर्मियों में पिएँ नारियल पानी
नारियल में विटामिन्स, खनिज तथा अनेक पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। गर्मियों में नारियल पानी पीने से उल्टी आना तथा अधिक प्यास लगना कम हो जाता है | यह एक उत्तम पेय है ।
29.पैरों में अधिक पसीना आने पर करें ये उपाय
यदि पैरों के तलवों में अधिक पसीना आता हो तो बाल्टी अथवा टब में पैर डुबोने लायक पानी लेकर उसमें एक चम्मच फिटकरी चूर्ण डाल लें तथा इसमें तीन-चार मिनट पैरों को डुबोकर बैठ जाएँ | इस उपाय से ये समस्या दूर हो जाती है ।
30.अधिक गर्मी में घुटन महसूस होने पर
अधिक गर्मी होने पर यदि घुटन सी महसूस हो रही हो तो एक खीरा काटकर, उस पर थोडा सा सेंधा नमक तथा नींबू का रस लगाकर खाने से तुरंत राहत मिलती है ।
31.गेंदे के फूल, रखें मच्छर दूर
सभी शुभ कार्यों में गेंदे के फूल का प्रयोग किया जाता है परन्तु बहुत कम लोगों को पता है कि गेंदे के फूल की गंध से मच्छर भी दूर भागते हैं | अपने घर के बरामदे व बालकनी में गेंदे के पौधे अवश्य लगाएँ और मच्छरों को दूर भगाएँ ।
32.चेहरे की सुंदरता हेतु नीम तथा शहद
नीम के चार से पाँच पत्ते लेकर पीस लें तथा इसमें एक चम्मच शहद मिला लें तथा इस लेप को आधे घंटे के लिए चेहरे पर लगाकर धो लें। शहद तथा नीम चेहरे को सुंदर तथा कोमल बनाते हैं तथा इनके प्रयोग से कील-मुंहांसे तथा काले धब्बे दूर होकर चेहरे का रूखापन दूर होता है।
33.टॉक्सिन्स (Toxins) दूर करे ” गुड़ “

  • त्वचा के लिए भी गुड़ बहुत फायदेमंद है। गुड़ के सेवन से रक्त में मौजूद हानिकारक toxins बाहर निकल जाते हैं तथा त्वचा की सफाई हो जाती है तथा रक्त संचार भी बेहतर होता है।
  • प्रतिदिन एक डली गुड़ खाने से त्वचा में चमक आती है तथा मुहांसों से भी निजात मिलती है ।

34.स्वादिष्ट ही नहीं स्वास्थ्यवर्धक भी है शिमला मिर्च
शिमला मिर्च में पाए जाने वाले तत्व प्राकृतिक दर्द निवारक की तरह कार्य करते हैं। इसमें विटामिन – C भी प्रचुर मात्रा में है जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही इन्फेक्शन भी दूर करता है ।
35.मच्छर के काटने से होने वाली खुजली
मच्छर के काटने से लाल चकत्ते पड़ जाते हैं जिनमें बहुत खुजली तथा जलन होती है | इसके लिए एक नींबू काटकर उसका रस प्रभावित स्थान पर मलने से शांति मिलती है तथा इन्फेक्शन से भी बचाव होता है।
36.मधुमेह की औषधि “ जामुन ”

  • जामुन का गूदा ही नहीं अपितु गुठली भी मधुमेह के रोगियों हेतु अमृततुल्य है | मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन औषधि के रूप में प्रतिदिन करना चाहिए |
  • जामुन की गुठली को सुखाकर पीस लें, इस चूर्ण को प्रतिदिन आधा-आधा चम्मच की मात्रा में सेवन करने से मधुमेह में आराम मिलता है ।
    37.पेट हेतु लाभप्रद है भिंडी
    भिंडी का सेवन हमारी आंतों हेतु अत्यंत लाभकारी है क्योंकि यह आंतों में मौजूद विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायता करती है। अतः भिंडी आंतों को स्वस्थ रखने साथ ही पाचन तंत्र को भी मज़बूत करती है।
    38.अरबी है अत्यंत उपयोगी
  • हृदय रोग में अरबी की सब्ज़ी खाने से लाभ होता है ।
    अरबी त्वचा के रूखेपन और झुर्रियों को भी दूर करती है ।
    अरबी के सेवन से कफ व वायु की वृद्धि होती है अतः जिन लोगों को गैस बनती हो, घुटनों के दर्द की शिकायत हो, उन्हें अरबी का प्रयोग कम करना चाहिए |
    39.बाल झड़ना रोके नारियल का तेल
    बालों हेतु नारियल का तेल बेहतरीन विकल्प है। इसमें फैट, प्रोटीन, मिनरल्स, पोटैशियम तथा आयरन जैसे तत्व पाए जाते हैं जो बालों को झड़ने से रोकते हैं। हफ्ते में दो बार गुनगुने नारियल के तेल से सिर की मालिश करने से बालों की जड़ें मज़बूत होती हैं।
    40.परवल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है तथा इसके सेवन से पेट की सूजन दूर होती हैं। पीलिया में भी परवल का सेवन करना चाहिए।
    41.करें चोकरयुक्त आटे का प्रयोग
    ‘सभी प्रकार के अन्न के रेशों में गेहूँ के चोकर को आदर्श रेशे का स्थान प्राप्त है क्योंकि इसमें पोषक तत्व तथा विटामिन्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। • चोकर हृदय रोगों से बचाता है तथा कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को भीकम करता है ।
  • चोकर युक्त आटे की रोटी के सेवन से आँतों की बीमारी नहीं होती तथा कब्ज़ दूर होती हैं ।
    42.आम करे कोलेस्ट्रॉल कम
    आम पेक्टिन तथा फाइबर से भरपूर होने के साथ ही पोटेशियम का भी अच्छा स्रोत है | आम के सेवन से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है तथा हृदय रोगों की आशंका कम हो जाती है । यह हमारे रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है ।
    43.अत्यंत लाभकारी है हल्दी का दूध
    गर्म दूध में एक छोटी चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से बहुत लाभ होता है | यह श्वास संबंधी रोग जैसे अस्थमा तथा जमे हुए कफ से राहत देता है तथा इन्फेक्शन्स को भी दूर करता है ।
    44.स्वस्थ रहें, मस्त रहें
    यदि आप सुख तथा आनंद चाहते हैं तो अपने स्वास्थ्य की रक्षा करें, जिसके लिए संतुलित आहार, प्राणायाम तथा व्यायाम अत्यंत आवश्यक है | चिंता करने के स्थान पर चिन्तन करें | स्वस्थ व्यक्ति ही संसार के समस्त सुख भोग सकता है अतः स्वस्थ रहें, मस्त रहें।
  1. तैलीय त्वचा हेतु
    ऑयली स्किन साफ़ करने के लिए नींबू के रस में बराबर मात्रा में पानी मिलाकर रुई के फाहे से त्वचा को साफ़ करें, चिपचिपापन दूर हो जाएगा |

46.एक नीम- सौ हकीम
नीम का वृक्ष अपने औषधीय गुणों के कारण पारंपरिक इलाज में उपयोगी रहा है। नीम के बारे में कहा जाता है कि एक नीम और सौ हकीम दोनों बराबर है । नीम की छाल में ऐसे गुण होते हैं, जो दाँतों और मसूढ़ों में लगने वाले तरह-तरह के बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते हैं, जिससे दाँत स्वस्थ व मज़बूत रहते हैं । नीम की दातुन करने से दांत व मसूढे मज़बूत होते हैं और दांतों में कीड़ा नहीं लगता है, तथा मुंह से दुर्गंध आना बंद हो जाता है।
47.पीलिया के रोगी रखें इन बातों का ध्यान
रोगी को मैदे से बनी वस्तुएं, खटाई, उड़द सेम, सरसों युक्त गरिष्ठ भोजन नहीं देना चाहिए |

  • उबली हुई बिना मसाले व मिर्च की सब्ज़ी का सेवन करें |
  • कच्चे पपीते का खूब सेवन करें | पका हुआ पपीता भी पीलिया में बहुत लाभदायक होता है ।
  • आंवला रस पीने से भी पीलिया दूर होता है |
    48.कैंसर से बचाए भिंडी
    यह एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत है | यह शरीर में कैंसर की कोशिकाओं के विकास को रोककर हमें कैंसर जैसी भयानक बीमारी से हमारी रक्षा करती है |

49.त्रिदोषहर है मूंग की दाल
मूँग की छिलके वाली दाल को पकाकर यदि शुद्ध देसी घी में हींग- जीरे से छौंककर खाया जाए तो यह वात, पित्त और कफ़ तीनों दोषों को शांत करती है । इस दाल का प्रयोग रोगी व निरोगी दोनों जन कर सकते हैं |
50.ऊर्जा बढ़ाए “अंकुरित चना”
काले चने भिगोकर अंकुरित कर लें | इसमें नमक, अदरक, नींबू का रस तथा काली मिर्च चूर्ण डालकर नाश्ते में सेवन करने से उर्जा के स्तर में वृद्धि होती है | यह मधुमेह के रोगियों हेतु भी बहुत स्वास्थ्यप्रद है ।
51.बढ़ते बच्चों को अवश्य खिलाएँ बादाम
बादाम में कैल्शियम, आयरन तथा फोस्फोरस प्रचुर मात्रा में पाया जाता है | प्रतिदिन पाँच गिरी बादाम रात को भिगोकर रखें तथा सुबह छीलकर बच्चों को खिलाकर ऊपर से एक गिलास गर्म दूध पिला दें | इस प्रयोग को करने से बच्चों की हड्डियाँ मज़बूत होती हैं |
52.गर्मी के मौसम में रखें इन बातों का ध्यान
गर्मी के मौसम में तली हुई अथवा मसालेदार वस्तुओं तथा अधिक ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करने से बचें | नींबू पानी, छाछ, बेल शरबत, गन्ने का रस तथा सत्तू जैसे पेय पदार्थ इस मौसम में शरीर को ठंडक पहुंचाने के साथ ही पानी की कमी भी नहीं होने देते |
53.कमल ककड़ी (lotus stem) के स्वास्थ्य लाभ

  • कमल ककड़ी का सेवन मधुमेह के रोगियों को अवश्य करना चाहिए क्योंकि यह शुगर लेवल को कम करती है।
    इसमें प्रचुर मात्रा में कॉपर पाया जाता है जो हमारे बालों तथा आँखों के लिए बहुत अच्छा है।
  • यह पोषक तत्वों से परिपूर्ण हैं अतः इसके सेवन से मांसपेशियाँ मज़बूत बनती हैं तथा खून बढ़ता है ।
    54.पायरिया
    एक गिलास गुनगुने पानी में 4-5 बूँद लौंग का तेल मिलाकर प्रतिदिन गरारे तथा कुल्ला करने से पायरिया रोग ठीक होता है ।
    55.उल्टी आना
    कई बार अधिक गर्मी के कारण भी उल्टी आने की समस्या होती है। ऐसे में छाछ / मठ्ठे में भुना हुआ जीरा और सेंधा नमक डालकर पीने से बहुत जल्दी फायदा होता है।
    56.रसीली लीची
    लीची विटामिन्स, मिनरल्स, antioxidants तथा fibre से भरपूर फल है | इसमें potassium की प्रचुर मात्रा होने के कारण यह ब्लड प्रेशर नियंत्रित करती है । लीची में antioxidants होने के कारण यह सूर्य की हानिकारक किरणों से हमारी त्वचा का बचाव करती है।

57.मौसमी का रस
मौसमी का रस हृदय रोगनाशक तथा शक्तिवर्धक होता है | आधा कप मौसमी का रस सुबह के नाश्ते के बाद प्रतिदिन सेवन करने से हृदय रोग में काफी लाभ होता है।
58.चावल (Rice) के गुण
भूरे रंग के चावल

  • विश्वभर में बड़ी संख्या में लोगों का मुख्य भोजन चावल है। चावल में कार्बोहाइड्रेट्स के साथ ही ज़िंक भी होता है जो शरीर को फिट रखता है ।
  • इसमें पाए जाने वाले स्टार्च में खनिज लवण तथा विटामिन्स होते हैं अतः पकाने से पूर्व इन्हें बार- बार धोना नहीं चाहिए |
  • चावल में दूध व मीठा मिलाकर खाने से पेट साफ़ होता है ।
    59.घमौरियों की औषधि “मुल्तानी मिट्टी “
    मुल्तानी मिट्टी को पानी में भिगोकर लेप बना लें, इसमें थोड़ा सा गुलाब जल भी डाल सकते हैं। नहाने से पूर्व यह लेप घमौरियों पर लगाने से जल्द आराम मिलता है तथा घमौरी में होने वाली जलन तथा खुजली में भी राहत मिलती है ।
    60.गन्ने का रस
    गर्मी के दिनों में गन्ने का रस शीतलता प्रदान करने के साथ ही अनेक रोगों में लाभप्रद होता है परन्तु इसे अधिक देर रखकर नहीं पीना चाहिए | इन दिनों में मूत्र में जलन होना तथा नाक से खून आना जैसे रोगों में गन्ने का रस अत्यंत लाभप्रद है ।
    61.जोड़ों के दर्द में अपनाएँ ये उपाय
    हल्दी, मेथी दाना तथा सौंठ सौ-सौ ग्राम की मात्रा में लेकर चूर्ण कर लें | इन्हें मिलाकर 1-1 चम्मच नाश्ते व शाम के खाने के बाद गुनगुने पानी से लें | इसके सेवन से जोड़ों के दर्द, गठिया, कमर दर्द आदि में विशेष लाभ होता है।
    62.गर्मियों में रखें आँखों का ध्यान
    गर्मियों में त्वचा तथा बालों के साथ ही आँखों का ध्यान रखना भी अत्यंत आवश्यक है। धूप से निकलने वाली
    अल्ट्रावायलेट किरणें आँखों हेतु बहुत नुकसानदायक होती हैं। धूप में निकलते समय चौड़ी किनारी वाली टोपी या हैट पहनकर निकलें | पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आँखों में लुब्रिकेशन की कमी नहीं होती तथा यह जीरोप्थैलमिया जैसी बीमारी से बची रहती हैं अतः प्रतिदिन कम से कम 3-4 लीटर पानी अवश्य पिएं |
    63.मधुमेह में लाभकारी अमरूद
    मधुमेह के रोगी को प्रतिदिन अमरूद का सेवन करना चाहिए | अमरुद को काली मिर्च व सेंधा नमक छिड़ककर खाएं | इसका सेवन मधुमेह में लाभप्रद है |
    64.छाछ पिएँ स्वस्थ रहें
    छाछ बहुत आसानी से पचने वाला पेय है अत: यह भोजन के साथ लेना हितकारी होता है। इससे अपच, भूख न लगना तथा पेट का भारीपन दूर होता है। सेंधा नमक, भुना जीरा तथा काली मिर्च चूर्ण मिलाकर छाछ पीने से भोजन जल्दी पचता है।

65.दिमाग की कमज़ोरी
प्रतिदिन सुबहखाली पेट तीन से पाँच काजू खाकर ऊपर से चाटने से स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा दिमागी कमज़ोरी दूरथोड़ा-सा शहदहोती है ।
66.स्वास्थ्यप्रद है कटहल
(कटहल)
कटहल के सेवन से हड्डियाँ मज़बूत होती हैं।

  • यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर हमें बैक्टीरियल तथा वायरल इंफेक्शन्स से बचाता है।
  • कटहल में पौष्टिक तत्व जैसे विटामिन्स तथा मिनरल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
    67.अपच (भोजन का ठीक से न पचना )
    अजवायन तथा सौंठ पीसकर चूर्ण बना लें | यह चूर्ण आधी- आधी चम्मच की मात्रा में दिन में दो बार शहद के साथ चाटने से अपच में आराम मिलता है ।
    68.लू से बचने के उपाय
    गर्मियों की दोपहर में चलने वाली गर्म हवाओं को लू कहते हैं। लू से बचने के लिए सर तथा कान तौलिए से ढककर बाहर निकलें। ठंडाई, गन्ने का रस, नींबू पानी आदि शीतल पेय अधिक मात्रा में लें। मुलायम तथा सूती कपड़े पहनें। बाहर निकलने से पहले एक गिलास पानी अवश्य पिएं।
    69.काला चना
  • चना भोजन में रुचि पैदा करता है तथा शरीर को ताकतवर बनाता है |
    ‘हृदयरोगियों को काले चने उबालकर, सेंधानमक डालकर सेवन करने से लाभ होता है ।
  • उबले चने कफ तथा पित्तनाशक होते हैं।
    70.” आम का पना ” एक पारम्परिक भारतीय पेय
    गर्मियों में आम का पना अमृत समान है | यह अत्यन्त स्वादिष्ट होने के साथ ही एनीमिया तथा हैजा के रोग में लाभप्रद है | यह शरीर को सोडियम तथा ज़िंक प्रदान करता है | यह गर्मी तथा लू के प्रभाव से बचाकर शरीर के तापमान को स्थिर रखता है ।
    71.सेहत हेतु लाभकारी है ककड़ी का सेवन
    ” ककड़ी स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ ही रोगनाशक भी है। इसमें आयोडीन होने के कारण यह कई रोगों से बचाव करती है ।
  • यह कब्ज़, पित दोष, सीने में जलन तथा गैस्ट्रिक समस्या भी दूर करती है ।
  • इसका सेवन Dehydration से बचाने के साथ-साथ पेट संबंधी रोगों से छुटकारा दिलाता है।
    72.स्वस्थ त्वचा हेतु पर्याप्त नींद आवश्यक
    रात को सोते समय हमारी त्वचा की regeneration क्रिया चलती रहती हैं | प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद लेने से त्वचा स्वस्थ रहती है तथा ageing process में कमी आती है।
    73.मोटापा कम करने में सहायक” तरबूज़ …..
    तरबूज़ के सेवन से मोटापा कम होता है क्योंकि इसमें fat नहीं पाया जाता है और कैलोरी भी काफ़ी कम मात्रा में होती हैं तथा कोलॅस्ट्रोल की मात्रा न के बराबर होती है। तरबूज हमेशा काला नमक ( Rock salt) डालकर खाएँ ।
    74.लू लगने पर क्या करें
    गर्मी के मौसम में तू लगना एक आम समस्या है | तू लगने पर रोगी को आधे चम्मच प्याज के रस में शहद मिलाकर तुरंत पिलाना चाहिए तथा रोगी के शरीर को दो तीन बार गीले तौलिए से पोंछना चाहिए, प्यास लगने पर पानी में नींबू का रस, चीनी तथा नमक डालकर पिलाना चाहिए |
    75.खरबूजा
    ‘खरबूजा एंटीऑक्सीडेंट्स तथा विटामिन C का अच्छा स्रोत है। इसमें 95% पानी तथा आवश्यक vitamins तथा minerals भी पाए जाते हैं |
  • पाचन तथा एसिडिटी की समस्या में खरबूजे का सेवन लाभप्रद है ।
  • खरबूजे में मौजूद पोटैशियम हमें तनाव से दूर रखता है ।
    76.अरबी है अत्यंत उपयोगी
  • हृदय रोग में अरबी की सब्ज़ी खाने से लाभ होता है ।
  • अरबी त्वचा के रूखेपन और झुर्रियों को भी दूर करती है |
    अरबी के सेवन से कफ व वायु की वृद्धि होती हैं अतः जिन लोगों को गैस बनती हो, घुटनों के दर्द की शिकायत हो, उन्हें अरबी का प्रयोग कम करना चाहिए |
    77.कई गुणों वाली छोटी-सी चिरौंजी
  • चिरौंजी के सेवन से शारीरिक शक्ति बढ़ती है तथा मस्तिष्क को ऊर्जा मिलती है।
    ‘सर्दी-जुकाम में भी इसका सेवन फायदेमंद होता है।
    ‘चिरौंजी त्वचा विकारों में अत्यंत लाभकारी है ।

बच्चों को अवश्य कराएँ गुड़ का सेवन
बढ़ते हुए बच्चों को गुड़ खिलाना उनके लिए लाभप्रद होता है | यह विटामिन A, B तथा कैल्शियम का अच्छा स्रोत है अत: यह बच्चों की हड्डियाँ मज़बूत बनाता है | गुड़ में अन्य पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में होते हैं अतः बच्चों को प्रतिदिन एक डली गुड़ अवश्य खिलाएँ
78.छोटा-सा टिंडा, बड़ा गुणकारी
‘टिंडे में बहुत सारे ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं।

  • टिंडे में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को शुद्ध करने के साथ ही आँतों की सफाई का कार्य भी करता है ।
  • इसमें मौजूद कैरोटीन चेहरे पर पड़ने वाली झुर्रियों को दूर रखता है ।
    79.पेट फूलना
    सौंठ, काली मिर्च, अजवायन तथा काला नमक बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को गर्म पानी से अथवा छाछ में डालकर पीने से पेट फूलने के रोग में आराम मिलता है।
    80.अनेक गुणों से युक्त है घड़े का पानी
    मिट्टी के पात्र में पानी रखने से उसमें मिट्टी के गुण आ जाते हैं तथा मिट्टी मे रोगों से लड़ने की क्षमता पाई जाती है अतः घड़े में रखा पानी हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है | घड़े के पानी में pH स्तर संतुलित होता है अतः इससे acidity तथा पेट दर्द से राहत मिलती है ।
    81.Cholesterol घटाएँ पपीते के साथ
    पपीता antioxidants तथा विटामिन – C से परिपूर्ण होने के साथ ही fibre का भी अच्छा स्रोत है अतः इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित होता है | प्रतिदिन पपीते का सेवन करें, तथा फर्क देखें |
    82.खरबूजा
    खरबूजा विटामिन A तथा C का अच्छा स्रोत है तथा भरपूर fibre होने के कारण यह पाचन क्रिया दुरुस्त करता है | इसके सेवन से त्वचा पर निखार आने के साथ ही Dehydration से भी बचाव होता है ।
    83.• मखाने काफी पौष्टिक होते हैं क्योंकि इनमें कार्बोहाइड्रेट तथा प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं ।
  • मखानों को देसी घी में भूनकर खाने से दस्त तथा शरीर के दर्द में आराम मिलता है तथा शरीर की कमज़ोरी दूर होती है। दूर
    84.गले की सूजन दूर करने का अचूक उपाय
    २० ग्राम तुलसी की मंजरी (बीज) और दस ग्राम सेंधा नमक को पीसकर चूर्ण बना लें | इसमें से दो – दो चुटकी चूर्ण सुबह-शाम सेवन करने से गले की सूजन में आराम मिलता है ।
    कुछ लोग हड़बड़ी में या दूसरे शब्दों में तेज़ी से भोजन करते हैं | ऐसे लोगों में मोटापा बढ़ने का खतरा तीन गुना अधिक होता है अतः भोजन हमेशा शांत वातावरण में तथा अच्छी तरह चबा-चबाकर करना चाहिए | इस प्रकार भोजन करने से हम आधी बीमारियों से दूर रह सकते हैं |
    85.बदन दर्द
    100 मिली सरसों के तेल में थोड़ी-सी अजवायन तथा पांच कली लहसुन की कुचलकर डालें तथा तेल पका लें | इसे ठंडा करके छान लें | इस तेल से मालिश करने से बदन दर्द दूर होता है ।
    86.सरसों तेल
    चेहरे के दाग धब्बे दूर करने का सरल उपाय
    दूध की मलाई में चुटकी भर दालचीनी मिलाकर चेहरे पर मल लें | लगभग बीस मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें | प्रतिदिन ऐसा करने से कुछ ही दिनों में चेहरे के दाग धब्बे समाप्त हो जाते हैं।
    87.खीरे के लाभ
  • खीरे में 95% पानी होता है अतः इसके सेवन से गर्मियों में शरीर में पानी की कमी नहीं होती |
  • इसके सेवन से पेट के रोग ठीक होते हैं। यह शरीर के विषाक्त तत्वों को बाहर निकाल देता है तथा प्रोटीन सोखने में मदद करता है ।
    खीरे में फाइबर काफी मात्रा में होता है अतः खीरा खाने से वजन भी घटता है ।
    88.गर्मी के रोग
    गर्मी की अधिकता के कारण चक्कर आना, कमज़ोरी लगना तथा मूत्र का रंग पीला होना आदि आम बात है | प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक आंवले के मुरब्बे के सेवन से यह विकार दूर हो जाते हैं। मधुमेह के रोगी मुरब्बे के स्थान पर आंवला स्वरस ले सकते हैं।
    89.हृदय की धड़कन तेज़ होने पर ……
    अंगूर का रस पीने से दिल की बढ़ी हुई धड़कन सामान्य होती है । अंगूर में हृदय रोग दूर करने का चमत्कारी गुण होता है ।
    90.मुहाँसों के निशान करें दूर
    आधे चम्मच हल्दी चूर्ण में कुछ बूँद नींबू के रस की मिला कर लेप बना लें। यह लेप चेहरे पर आधे घंटे तक लगाकर चेहरा धो लें। इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में मुहाँसों के निशान हल्के पड़ जाते हैं।
    91.इम्युनिटी बढ़ाता है टमाटर
    टमाटर एंटी ऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है। इसमें लाइकोपीन, विटामिन सी और बीटा कैरोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है अतः टमाटर के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है | यह हमें जुकाम आदि रोगों से भी बचाता है ।
    92.आलू के गुण
    आलू में आयरन, कैल्शियम, विटामिन्स तथा फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं अतः यह अपने आप में सम्पूर्ण आहार है |
  • आलू के सेवन से रक्त वाहिनियाँ लचकदार बनी रहती हैं।
  • तेज़ धूप से त्वचा झुलसने पर कच्चे आलू का रस निकालकर लगाने से बहुत लाभ होता है ।
    93.बाल झड़ना रोके नारियल का तेल
    बालों हेतु नारियल का तेल बेहतरीन विकल्प है। इसमें फैट, प्रोटीन, मिनरल्स, पोटॅशियम तथा आयरन जैसे तत्व पाए जाते हैं जो बालों को झड़ने से रोकते हैं। हफ्ते में दो बार गुनगुने नारियल के तेल से सिर की मालिश करने से बालों की जड़ें मज़बूत होती हैं।
    94.दाँतों की समस्या में उपयोगी “अमरूद के पत्ते “
    दाँतों में दर्द, मसूड़ों में दर्द अथवा सूजन की समस्या से राहत हेतु आप एक गिलास पानी में तीन से चार अमरुद के पत्ते उबाल कर ठंडा होने दें, जब पानी गुनगुना रह जाय इसे छान लें तथा नमक मिलाकर कुल्ले करें लाभ होगा |
    95.भूख बढ़ाने हेतु करें ये प्रयोग
    एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू, चुटकी भर काली मिर्च चूर्ण तथा एक चौथाई चम्मच नमक डालकर पिएँ | इस प्रयोग से पेट का भारीपन दूर होकर भूख बढ़ती है |
    96.“जीरा” एक औषधि
    खट्टी डकारें आने पर भुने हुए जीरे के चूर्ण में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर गुनगुने पानी से सेवन करें | इसका सेवन दिन में तीन बार करने से बहुत लाभ होता है |

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